2 बार लड़ चुके तो नहीं मिलेगा टिकट, 45 तक के नेताओं के नाम पर मंथन

वार्ड आरक्षण के बाद नगरीय निकाय चुनाव की सरगर्मी तेज हो गई है। आरक्षित और अनारक्षित वार्डों में पार्टी किसे टिकट देगी, यह तो आने वाले समय में पता चलेगा लेकिन संगठन के अंदरखाने से निकली खबर बताती है कि दो बार या इससे अधिक बार निकाय चुनाव लड़ चुके कार्यकर्ताओं को इस बार मौका नहीं मिलेगा।

पार्टी सूत्रों का कहना है कि जिस तरह आलाकमान ने मंडल, मोर्चा, जिलाध्यक्ष और प्रदेश कार्यकारिणी के चुनाव में 35 से 55 तक का फार्मूला अपनाया था, उसी तरह निकाय चुनाव में भी पार्टी उसे ही मौका देगी, जो 45 के भीतर का हो।

पार्टी नेता फिलहाल कुछ भी बाेलने से कतरा रहे हैं। विश्वस्त सूत्र बताते हैं कि निकाय चुनाव में पार्टी युवाओं पर ही दांव खेलेगी। अगर ऐसा हुआ तो जिले की सात तहसीलों में पार्टी के कई वरिष्ठों के मंसूबों पर पानी फिर जाएगा, जो निकाय चुनाव लड़ने के इच्छुक हैं। 45 पार की गाइड लाइन में उज्जैन से ही 10 से ज्यादा ऐसे वरिष्ठ प्रभावित होंगे, जोे दो या इससे ज्यादा बार चुनाव लड़ चुके हैं। जिले के निकायाें के ऐसे लोगों की संख्या 100 के करीब है, जो फार्मूला-45 में हैं या फिर दो बार या इससे ज्यादा बार वार्ड चुनाव लड़ चुके हैं।

 

इनकी राजनीति प्रभावित होने की संभावना

बुद्धिप्रकाश सोनी, प्रकाश शर्मा, कलावती यादव, सत्यनारायण चाैहान, संतोष यादव, दुर्गा चाैधरी, नीलू खत्री, प्रेमलता बैंडवाल, रेखा ओरा, विनीता शर्मा, दिलीप भार्गव, राजकुमार ललावत, सोनू गेहलोत भी हैं।

 

मोर्चा, मंडल चुनाव में हुआ था विद्रोह

युवा मोर्चा, नगर व ग्रामीण मंडल चुनाव में आलाकमान ने यह तय किया था कि मोर्चा का अध्यक्ष 35 और मंडल अध्यक्ष की उम्र 40 के पार नहीं होगी लेकिन पार्टी ने रायशुमारी में सभी उम्र के लोगों के नाम शामिल किए थे। संगठन की गाइड लाइन का उस समय विरोध हुआ, कई लोग विद्रोही हुए बावजूद आलाकमान ने तय मापदंड में बदलाव नहीं किया। जिलाध्यक्ष और प्रदेश कार्यकारिणी समिति में भी 55 के अंदर के व्यक्ति काे ही दायित्व सौंपा।

 

जहां निकायों के उपचुनाव हुए वहां नहीं अपनाया फार्मूला

प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य डॉ.तेजबहादुर सिंह चौहान निकाय चुनाव में 45 के फैक्टर काे पूरी तरह नकारते हैं। भास्कर को उन्होंने बताया कि जहां भी निकाय के उपचुनाव हुए, वहां पार्टी ने यह फार्मूला नहीं अपनाया है। साथ ही फिलहाल तो पार्टी विधानसभा उप चुनाव से फारिग हुई है।

फिलहाल चुनाव की वजह से गठित नहीं हुई मोर्चा, मंडल कार्यकारिणी का गठन किया जा रहा है। इसके बाद नई कार्यकारिणी का प्रशिक्षण वर्ग होना है। निकाय चुनाव में 45 की उम्र के व्यक्ति को ही पार्टी का चेहरा बनाने पर फिलहाल तो प्रदेश कार्यसमिति मेें कोई चर्चा नहीं हुई है।

 

अनारक्षित वार्डों में सामान्य को मौका नहीं दिया तो फिर पड़ेगी फूट

भाजपा के वरिष्ठ नेताओं का कहना है के पिछली बार अनारक्षित वार्डों में भी सामान्य को लड़ाने की बजाय अन्य वर्गों के लोगों को अवसर दिया था, जो गलत निर्णय है क्योंकि आरक्षण के बाद जो अनारक्षित वार्ड बचते हैं, उनमें सामान्य के वोटों की संख्या ही अधिक होती है।

ऐसे में इन वार्डों से सामान्य वर्ग का ही उम्मीदवार होना चाहिए। हालांकि फिलहाल निकाय चुनाव में उम्र का पैमाना क्या होगा, इसकी विधिवत घोषणा नहीं हुई है। भाजपा जिलाध्यक्ष बहादुरसिंह बोरमुंडला ने स्पष्ट तौर पर इस संबंध में कुछ नहीं कहा। बोरमुंडला कहते हैं कि चुनाव में जीत महत्वपूर्ण है। जीतने वाले पर कोई मापदंड लागू नहीं हाेता।

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